सिद्दी या चिल्ला किसे कहते हे ?
सिद्धि या चिल्ला उस चीज को बोलते हैं किसी चीज जैसे कि कोई मंत्र या कोई शक्ति प्राप्त करने के लिए उस मंत्र या कोई इसमें आजम या कुरान की कोई आयात को पढ़कर उसकी पावर प्राप्त करना इसमें नॉर्मल तरीका यह होता है उस मंत्र या कुरान की आयात को 40 दिन के अंदर 125000 बार पढ़ना पड़ता है यानी लगभग 3125 बार रोजाना पढ़ना इसको पढ़ने की एक शर्त होती है कैसे सुनसान जगह पर जहां कोई आता-जाता ना हो जैसे कि कोई कमरा या मकान खाली पड़ा हो या फिर शमशान या कब्रिस्तान या फिर कहीं जंगल में जाकर पढ़ना इसमें दोनों तरीके सिद्धि या चिल्ला शामिल है जो शैतानी भी होता है और अच्छा यानी नूरानी भी होता है शैतानी चलने के अंदर शैतान को हाजिर कर कर उससे एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है जिससे वह शैतान हाजिर होता है और अपने कुछ कोड वर्ड देता है बुलाने के लिए जब उससे काम हो इस प्रकार यह शैतानी काम करता है मगर यह आसान नहीं इसके अंदर जान का खतरा भी है जब भी हम शैतानी चिल्ला करते हैं या सिद्धि करते हैं तो शैतान नहीं चाहता कि कोई उसे गुलाम बना कर अपना काम कराएं इसलिए वह चिल्ला खराब करने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करता है और हर मुमकिन कोशिश करता है उस चिल्ला करने वाले को मार दूं और अगर इसमें इंसान कामयाब भी हो जाता है तो वह फ्री में काम नहीं करता वे शर्त रखता है कि जैसे आपको अपनी बीबी, मां या बहन के साथ संभोग करेगा हर रात तब आपका काम करेगा या फिर आपसे गलत काम करवाएगा जैसे कि शैतान की पूजा करना या फिर रोज आपका थोड़ा-थोड़ा खून पीना या फिर आपसे लैट्रिन या पकाना खाने के लिए बोलना तब यही आपका काम करेगा और जैसे-जैसे आप बूढ़े होते जाएंगे तो यह आप से दूर होता जाएगा और 1 दिन ऐसा आएगा आपको या तो यह पागल कर देगा या मार देगा नूरानी चलने के अंदर दो प्रकार के होते हैं एक तो जन्नत को काबू करना जिसे कुरान और शरीयत ने गलत बताया है मगर बहुत से लोग इसका उपयोग करते हैं यह भी बहुत खतरनाक होता है इसमें भी एक एग्रीमेंट होता है मगर यह गंदा वाला नहीं होता इसमें दूसरे तरीके के एग्रीमेंट होते हैं जैसे कि पाक साफ आंखें को गूंद कर रोटी बनाना और उसे खिलाना या बकरे का हलाल गोश्त अपनी मेहनत से बनाना हलाल पैसों से लाकर या फिर रोज उसे अपनी हलाल कमाई से मिठाई खिलाना अब आता है सबसे अहम चिल्ला जोकि कुरान की आयात पढ़कर किया जाता है इसमें दो प्रकार की आयात होती हैं एक जलाली और एक नॉर्मल इनको रोज लगभग 3125 बार बिना नागा एक ही वक्त पर एक ही जगह पर पाक साफ जगह बैठ कर जा नमाज बिछाकर पढ़ना होता है और 40 दिन बाद लोगों को उसकी शक्ति प्राप्त हो जाती है उस कुरान की आयात को पढ़कर 3 बार या 7 बार पढ़कर फिर वह जिन्नात को जलाने या किसी को काबू करना जादू टोने को खत्म करना बीमारी में शिफा हासिल करने के लिए पढ़ना तमाम काम से कर सकता है और हर आयात के अक्षर यानी हरूफ या वर्ड कह लो जिसके अलग-अलग नंबर होते हैं और कौन हर नंबर का एक गणित का यह मैथ का कह लीजिए वर्ल्ड होता है उन सबको आपस में जोड़ा जाता है उसके बाद जो उसकी कैलकुलेशन निकलती है उसके हिसाब से उस सूरत की जकात निकाली जाती है फिर उसे उसी हिसाब से रोज पढ़ा जाता है उसे चिल्ला कहते हैं अब यह चीज हम आगे पोस्ट में आपको बताएंगे इस कौन सी आयात कौन से मंत्र को पढ़कर आप क्या पावर हासिल कर सकते हैं तो उसके लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें और पढ़ते रहें ताकि आप फ्री में एक महान आमिल बन सके और हर काम खुद कर सके और पावर हासिल कर सके
क़ुरान नूरानी चिल्ले का परहेज़
कुरान या नूरानी चिल्ली के लिए आपको खास परहेज़ करना पड़ता है चिल्ले के दौरान नमाज की पाबंदी तो हमेशा ए आमिल को चाहिए ही चाहिए गुनाहों से दूर रहना पाक साफ रहना और चिल्ले के दौरान आपको नमाज की पाबंदी करना पड़ेगी उसके अलावा झूठ चुगली गुनाह उससे हमेशा दूर रहना है उसके अलावा आपको गोश्त बदबूदार चीज प्याज लहसुन और तेल दूध मिठाई इन चीजों से परहेज करना पड़ेगा इसके अलावा अगर आप शादीशुदा हैं तो आपको अपनी बीवी के पास सोहबत करने से बचना होगा जब तक आप चिल्ला कर रहे हैं हर वक्त वावज़ू रहना होगा हर वक्त अल्लाह का ज़िक्र करना होगा ताकि आपके पास जल्द से जल्द पावर है और आप एक कामयाब इलाज करने वाले बन जाए को किया जाता है और गलत काम के लिए इस पावर को इस्तेमाल नहीं कर सकते वरना आपका आमल खत्म हो जाएगा चिल्ला करने के बाद आपको रोज इस आयत को कम से कम 3 या 7 मर्तबा पढ़ना होगा रोजाना बिना नागा अब इसके पावर आपके पास रहेगी
नौचंदी जुमेरात क्या हे ?
अगर आप आमिल बनने जा रहे हैं या आप पावर हो लोगों का इलाज करने में दिलचस्पी रखते हैं तो आपको नौचंदी जुमेरात के बारे में पता होना चाहिए इसका इस्लाम में और आमिल की जिंदगी में बहुत खास काम होता है कोई भी अमल या चिल्ला या किसी इंसान का काम करना होता है तो वह नौचंदी जुमेरात से शुरू होता है नौचंदी जुमेरात का हम कैसे पता करें यह किस दिन पड़ती है नौचंदी जुमेरात उर्दू की एक तारीख होती है उससे लेकर 7 तारीख तक जो जुमेरात पहली पढ़े उसे नौचंदी जुमेरात कहते हैं और यह मगरिब के बाद लगती है जैसे कि अगर आज बुध है यानी बुधवार वेडनेसडे आज शाम को नौचंदी जुमेरात हो जाएगी और हर अमल को इसी जुमेरात से शुरू करना होता है इसके बिना अमल कामयाब नहीं होता और अगर आपको जुदाई नफरत किसी को अलग करना इस तरीके के अमल करना हो तो फिर महीने के आखिर में उर्दू की 20 तारीख के बाद करे जाते हैं आप एक उर्दू का कैलेंडर या जंत्री ले सकते हैं इन सब चीजों को जानने के लिए और रुज़ूल ग़ैब का भी ध्यान रखना पड़ता है जिस दिन आप अमल कर रहे हैं उस दिन इसका रुख यानी डायरेक्शन किस तरफ है उस तरीके से अमल करना होता है इसकी भी डिटेल हम दे देंगे आपको अगली पोस्ट में और इसका नक्श भी दे देंगे कैसे किस तरीके से पता किया जाता है और दूसरी चीज वक़्तों का ध्यान रखा जाता है हर वक्त ताबीज लिखने या अमल करने के लिए अलग होता है इसके मोहब्बत के लिए अलग नफरत के लिए अलग वक्त में लिखना होता है पढ़ना होता है तभी कामयाबी मिलती है इसकी भी डिटेल हम अगली पोस्ट में दे देंगे एक इस वक्त कौन सा ताबीज लिखना है कौन सा अमल करना है और बहुत सारी चीजें आपको बता देंगे तो बने रहिए हमारे ब्लॉग में और हमारे साथ रहे ऐसी जानकारी के लिए वक़्तों का बहुत खास रोल होता है अमलियात की दुनिया में हर टाइम की तासीर अलग होती है इसीलिए अगर आप सही वक्त पर सही अमल करेंगे तो इंशाल्लाह आपको जरुर कामयाबी मिलेगी
सिद्धि या चिल्ला उस चीज को बोलते हैं किसी चीज जैसे कि कोई मंत्र या कोई शक्ति प्राप्त करने के लिए उस मंत्र या कोई इसमें आजम या कुरान की कोई आयात को पढ़कर उसकी पावर प्राप्त करना इसमें नॉर्मल तरीका यह होता है उस मंत्र या कुरान की आयात को 40 दिन के अंदर 125000 बार पढ़ना पड़ता है यानी लगभग 3125 बार रोजाना पढ़ना इसको पढ़ने की एक शर्त होती है कैसे सुनसान जगह पर जहां कोई आता-जाता ना हो जैसे कि कोई कमरा या मकान खाली पड़ा हो या फिर शमशान या कब्रिस्तान या फिर कहीं जंगल में जाकर पढ़ना इसमें दोनों तरीके सिद्धि या चिल्ला शामिल है जो शैतानी भी होता है और अच्छा यानी नूरानी भी होता है शैतानी चलने के अंदर शैतान को हाजिर कर कर उससे एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है जिससे वह शैतान हाजिर होता है और अपने कुछ कोड वर्ड देता है बुलाने के लिए जब उससे काम हो इस प्रकार यह शैतानी काम करता है मगर यह आसान नहीं इसके अंदर जान का खतरा भी है जब भी हम शैतानी चिल्ला करते हैं या सिद्धि करते हैं तो शैतान नहीं चाहता कि कोई उसे गुलाम बना कर अपना काम कराएं इसलिए वह चिल्ला खराब करने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करता है और हर मुमकिन कोशिश करता है उस चिल्ला करने वाले को मार दूं और अगर इसमें इंसान कामयाब भी हो जाता है तो वह फ्री में काम नहीं करता वे शर्त रखता है कि जैसे आपको अपनी बीबी, मां या बहन के साथ संभोग करेगा हर रात तब आपका काम करेगा या फिर आपसे गलत काम करवाएगा जैसे कि शैतान की पूजा करना या फिर रोज आपका थोड़ा-थोड़ा खून पीना या फिर आपसे लैट्रिन या पकाना खाने के लिए बोलना तब यही आपका काम करेगा और जैसे-जैसे आप बूढ़े होते जाएंगे तो यह आप से दूर होता जाएगा और 1 दिन ऐसा आएगा आपको या तो यह पागल कर देगा या मार देगा नूरानी चलने के अंदर दो प्रकार के होते हैं एक तो जन्नत को काबू करना जिसे कुरान और शरीयत ने गलत बताया है मगर बहुत से लोग इसका उपयोग करते हैं यह भी बहुत खतरनाक होता है इसमें भी एक एग्रीमेंट होता है मगर यह गंदा वाला नहीं होता इसमें दूसरे तरीके के एग्रीमेंट होते हैं जैसे कि पाक साफ आंखें को गूंद कर रोटी बनाना और उसे खिलाना या बकरे का हलाल गोश्त अपनी मेहनत से बनाना हलाल पैसों से लाकर या फिर रोज उसे अपनी हलाल कमाई से मिठाई खिलाना अब आता है सबसे अहम चिल्ला जोकि कुरान की आयात पढ़कर किया जाता है इसमें दो प्रकार की आयात होती हैं एक जलाली और एक नॉर्मल इनको रोज लगभग 3125 बार बिना नागा एक ही वक्त पर एक ही जगह पर पाक साफ जगह बैठ कर जा नमाज बिछाकर पढ़ना होता है और 40 दिन बाद लोगों को उसकी शक्ति प्राप्त हो जाती है उस कुरान की आयात को पढ़कर 3 बार या 7 बार पढ़कर फिर वह जिन्नात को जलाने या किसी को काबू करना जादू टोने को खत्म करना बीमारी में शिफा हासिल करने के लिए पढ़ना तमाम काम से कर सकता है और हर आयात के अक्षर यानी हरूफ या वर्ड कह लो जिसके अलग-अलग नंबर होते हैं और कौन हर नंबर का एक गणित का यह मैथ का कह लीजिए वर्ल्ड होता है उन सबको आपस में जोड़ा जाता है उसके बाद जो उसकी कैलकुलेशन निकलती है उसके हिसाब से उस सूरत की जकात निकाली जाती है फिर उसे उसी हिसाब से रोज पढ़ा जाता है उसे चिल्ला कहते हैं अब यह चीज हम आगे पोस्ट में आपको बताएंगे इस कौन सी आयात कौन से मंत्र को पढ़कर आप क्या पावर हासिल कर सकते हैं तो उसके लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें और पढ़ते रहें ताकि आप फ्री में एक महान आमिल बन सके और हर काम खुद कर सके और पावर हासिल कर सके
क़ुरान नूरानी चिल्ले का परहेज़
कुरान या नूरानी चिल्ली के लिए आपको खास परहेज़ करना पड़ता है चिल्ले के दौरान नमाज की पाबंदी तो हमेशा ए आमिल को चाहिए ही चाहिए गुनाहों से दूर रहना पाक साफ रहना और चिल्ले के दौरान आपको नमाज की पाबंदी करना पड़ेगी उसके अलावा झूठ चुगली गुनाह उससे हमेशा दूर रहना है उसके अलावा आपको गोश्त बदबूदार चीज प्याज लहसुन और तेल दूध मिठाई इन चीजों से परहेज करना पड़ेगा इसके अलावा अगर आप शादीशुदा हैं तो आपको अपनी बीवी के पास सोहबत करने से बचना होगा जब तक आप चिल्ला कर रहे हैं हर वक्त वावज़ू रहना होगा हर वक्त अल्लाह का ज़िक्र करना होगा ताकि आपके पास जल्द से जल्द पावर है और आप एक कामयाब इलाज करने वाले बन जाए को किया जाता है और गलत काम के लिए इस पावर को इस्तेमाल नहीं कर सकते वरना आपका आमल खत्म हो जाएगा चिल्ला करने के बाद आपको रोज इस आयत को कम से कम 3 या 7 मर्तबा पढ़ना होगा रोजाना बिना नागा अब इसके पावर आपके पास रहेगी
नौचंदी जुमेरात क्या हे ?
अगर आप आमिल बनने जा रहे हैं या आप पावर हो लोगों का इलाज करने में दिलचस्पी रखते हैं तो आपको नौचंदी जुमेरात के बारे में पता होना चाहिए इसका इस्लाम में और आमिल की जिंदगी में बहुत खास काम होता है कोई भी अमल या चिल्ला या किसी इंसान का काम करना होता है तो वह नौचंदी जुमेरात से शुरू होता है नौचंदी जुमेरात का हम कैसे पता करें यह किस दिन पड़ती है नौचंदी जुमेरात उर्दू की एक तारीख होती है उससे लेकर 7 तारीख तक जो जुमेरात पहली पढ़े उसे नौचंदी जुमेरात कहते हैं और यह मगरिब के बाद लगती है जैसे कि अगर आज बुध है यानी बुधवार वेडनेसडे आज शाम को नौचंदी जुमेरात हो जाएगी और हर अमल को इसी जुमेरात से शुरू करना होता है इसके बिना अमल कामयाब नहीं होता और अगर आपको जुदाई नफरत किसी को अलग करना इस तरीके के अमल करना हो तो फिर महीने के आखिर में उर्दू की 20 तारीख के बाद करे जाते हैं आप एक उर्दू का कैलेंडर या जंत्री ले सकते हैं इन सब चीजों को जानने के लिए और रुज़ूल ग़ैब का भी ध्यान रखना पड़ता है जिस दिन आप अमल कर रहे हैं उस दिन इसका रुख यानी डायरेक्शन किस तरफ है उस तरीके से अमल करना होता है इसकी भी डिटेल हम दे देंगे आपको अगली पोस्ट में और इसका नक्श भी दे देंगे कैसे किस तरीके से पता किया जाता है और दूसरी चीज वक़्तों का ध्यान रखा जाता है हर वक्त ताबीज लिखने या अमल करने के लिए अलग होता है इसके मोहब्बत के लिए अलग नफरत के लिए अलग वक्त में लिखना होता है पढ़ना होता है तभी कामयाबी मिलती है इसकी भी डिटेल हम अगली पोस्ट में दे देंगे एक इस वक्त कौन सा ताबीज लिखना है कौन सा अमल करना है और बहुत सारी चीजें आपको बता देंगे तो बने रहिए हमारे ब्लॉग में और हमारे साथ रहे ऐसी जानकारी के लिए वक़्तों का बहुत खास रोल होता है अमलियात की दुनिया में हर टाइम की तासीर अलग होती है इसीलिए अगर आप सही वक्त पर सही अमल करेंगे तो इंशाल्लाह आपको जरुर कामयाबी मिलेगी
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